तुम्हें भुलाएं भी तो कैसे मेरे अंतर्मन में हो बसे जिस्म के लहू के हर कतरे में बह रहे हो जैसे जब में रूह में ही समाए गए हो कैसे भूलूं खुद की सांसों को। ♥️ Challenge-615 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।