सूजी उंगलियाँ पाँव की किसे दिखलाता होगा? किसकी गोद में रखकर सिर थकन मिटाता होगा? दिन-भर की सारी बातें वो किसे बतलाता होगा? सफेद सर्द बियाबान में कैसे खाना खाता होगा? बेरहम कुदरत के साये में कितना सो पाता होगा? वो दिसम्बर सियाचीन में कैसे बिताता होगा!! कैसे मशक़्क़तों बवंडरों से वो टकराता होगा? दर्द के चाबुक जिस्म पर कैसे झेल जाता होगा? दफ्न होने का डर उसे जब भी सताता होगा ख़ुद को और लश्कर को कैसे हिम्मत बंधाता होगा? पल-पल मात देकर मौत को कैसे झुठलाता होगा? संभालता होगा कैसे दिल को घर याद जब आता होगा? दोस्तों से फिर कैसे वो अपने आंसू छिपाता होगा? कैसे "सब ठीक है" ख़ुद को ये देता दिलासा होगा? किसी का भाई-बेटा वो भी किसी का बाबा होगा! शायद!अपने जज़्बे से ही वो आगे बढ़ पाता होगा बावजूद घुटने तलक बर्फ़ के चोटी चढ़ जाता होगा ख़ुमारी में वतन परस्ती की ख़ुद को उड़ाता होगा फ़क्र से फ़िर देश का परचम लहराता होगा..!! ©KaushalAlmora Happy सशस्त्र सेना झंडा दिवस🇮🇳 Song of d eve: देश मेरे ( The legend of Bhagat Singh)/ A.R. Rahman) #दिसम्बर7 #दिसम्बरwithkaushalalmora #सियाचीन #परचम #jaihind #decemberreminders