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कहते हो तुम हिंदी ने क्या किया तो सुनो हिंदी से ज

कहते हो तुम हिंदी ने क्या किया 
तो सुनो हिंदी से जन्मा मैं 
हिंदी में हँसा, हिंदी में ही पला बढ़ा, 
यद्यपि हिंदी में चला परंतु 
मराठी में दौड़ा भागा..... 
पाठशाला मराठी ही रही! 
किंतु हिंदी मुझसे अलग ना हो सकी
ना मैं हिंदी से कभी,,,,,,,,दूर
तेरे बगैर मौन हो जाता हूँ अक्सर
तेरी आँखों से दुनियां देखी,
जीना और मरना भी देखा... 
जो कुछ आज हूँ तेरी बदौलत 
तू माँ है मेरी,,, संस्कार है तेरे मुझमें
सभी को समाहित कर लेता हूँ 
खुद में बगैर जाने पहचाने 
धकियाया जाता हूँ सदैव 
वह भी विक्टोरिया की दासी से 
लेकिन अपनी पहचान नहीं खोने दूंगा 
माँ से भला बेटा अलग हो ही नहीं सकता
तू शाश्वत है और सदा रहेगी 
अनेक मूर्त अमूर्त रूपो में,,,
मेरी जननी हिंदी🙏🙏

©kumar ramesh rahi
  #विश्व_हिंदी_दिवस #मेरीभावनाएं
#डायरी_के_पन्नों_से #हिन्दी_मेरी_माँ
#हिंदीप्रेम #kumarrameshrahi 

#Books
कहते हो तुम हिंदी ने क्या किया 
तो सुनो हिंदी से जन्मा मैं 
हिंदी में हँसा, हिंदी में ही पला बढ़ा, 
यद्यपि हिंदी में चला परंतु 
मराठी में दौड़ा भागा..... 
पाठशाला मराठी ही रही! 
किंतु हिंदी मुझसे अलग ना हो सकी
ना मैं हिंदी से कभी,,,,,,,,दूर
तेरे बगैर मौन हो जाता हूँ अक्सर
तेरी आँखों से दुनियां देखी,
जीना और मरना भी देखा... 
जो कुछ आज हूँ तेरी बदौलत 
तू माँ है मेरी,,, संस्कार है तेरे मुझमें
सभी को समाहित कर लेता हूँ 
खुद में बगैर जाने पहचाने 
धकियाया जाता हूँ सदैव 
वह भी विक्टोरिया की दासी से 
लेकिन अपनी पहचान नहीं खोने दूंगा 
माँ से भला बेटा अलग हो ही नहीं सकता
तू शाश्वत है और सदा रहेगी 
अनेक मूर्त अमूर्त रूपो में,,,
मेरी जननी हिंदी🙏🙏

©kumar ramesh rahi
  #विश्व_हिंदी_दिवस #मेरीभावनाएं
#डायरी_के_पन्नों_से #हिन्दी_मेरी_माँ
#हिंदीप्रेम #kumarrameshrahi 

#Books