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ये मन ज़रा फिर से बेताब हो जाए, ऐ दिल चल फिर से आ

ये मन ज़रा फिर से बेताब हो जाए,

ऐ दिल चल फिर से आज़ाद हो जाए,

मिल जाएगी खूं के बदले आज़ादी,

ये कड़ कड़ फिर सुभाष हो जाए ।

©MK Zakhmi
  नेताजी सुभाष चन्द्र बोस
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MK Zakhmi

Bronze Star
New Creator

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस #समाज

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