मन के भीतर, कुछ चल रहा है, अंदर ही अंदर कुछ घुट रहा है, शांति की तलाश में, कुछ कर जाऊँ, आज मैं बुद्ध हो जाऊँ, समुन्दर, कभी शांत रहता है, कभी वो तूफान उगलता है, सोचता हूँ, कि ठहरी झील बन जाऊँ, आज मैं बुद्ध हो जाऊँ, .. .. Please read rest in caption सुप्रभात। आप सभी को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ। महात्मा बुद्ध का चरित्र इतना विराट है कि आज भी हम उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं। मन के भीतर, कुछ चल रहा है, अंदर ही अंदर कुछ घुट रहा है, शांति की तलाश में, कुछ कर जाऊँ, आज मैं बुद्ध हो जाऊँ,