Nojoto: Largest Storytelling Platform

मोहब्बत कुछ यूँ करूं कि शाम भी सरेआम हो जाए तेर

मोहब्बत कुछ यूँ करूं 
कि शाम भी सरेआम हो जाए 

तेरे हाथों को छुलूँ तो 
तेरा तन सहर जाए 

गर भरी महफ़िल में चूम लूं 
तेरे इन गुलाबी होठों को

मोहब्बत कुछ यूँ करूं कि शाम भी सरेआम हो जाए तेरे हाथों को छुलूँ तो तेरा तन सहर जाए गर भरी महफ़िल में चूम लूं तेरे इन गुलाबी होठों को

263 Views