जाम-ए-गुमान पी रही है तू "किस वहम में जी रही है तू। जाम-ए-गुमान पी रही है तू। नशा मक्कारी का तुझे जो ऐसा चड़ा है, की मेरी चाहत-ए-रुख तक को भूल रही है तू।।" #जाम #गुमान #वहम #चाहत #bajrangbhagat #bajrangautam