कैसे बताएं एहले महफ़िल को, हम तुम्हें याद किस क़दर करते है। इन आंखों से आंसू बन कर, इश्क़ अब भी छलकते है। तुमने तो बारे आराम से कह दिया, किसी और समयाने में घर अपना। पर तुमसे दिल लगाने का, गुनाह ये बार बार करते है। क्या करें ए मेरा दिल तोड़ने वाले, प्यार तुमसे हमें आज भी बेशुमार है। और ये एक बात मेरी सुनते जाना, की तुम्हारे याद में आज भी गजलें पढ़ा करते हैं। #ग़ज़ल #poetry #nazm #कैसे #बताएं