Nojoto: Largest Storytelling Platform

ख्वाहिशें हैं कुछ अधूरी सी जिन्हें पूरा करने एक औ


ख्वाहिशें हैं कुछ अधूरी सी
जिन्हें पूरा करने एक और जिंदगी लेनी होगी
बहुत कुछ रह गया जो अधूरा उस बारे में भी कभी बात करनी होगी
इतना आसान नहीं है सफर उन कयामत की रातों का जहां पहुँचने तुझे भी अपनी जिद छोड़नी होगी
मन मार कर जीना इतना भी सरल नहीं है
एक वक्त वो भी आएगा जब मुझे भी अपने मन की सुननी होगी
दरअशल जो दिखता हूं मैं संजीदा सा नतीजा मेरे ही जलाये कुछ ख्वाबों का है वो
किसी वक़्त तो हिम्मत की मुझमे भी कमी रही होगी
जब जब सोचता हूं ये इतनी गहराई पे जख्म किसका रह गया तब अपनी ही नादानियां हर सफर में मुझे मिली होगी
इन समझदारों की दुनिया में एक नासमझ मुझ सा भी रह गया जिसकी बिखरी जिंदगी की शिकन चेहरे पर कभी नहीं तुम्हें न मिली होगी
इतना मुश्किल भी नहीं हूं मैं जो तुम मुझे एक नजर में न पड़ सकी होगी
खुली किताब की तरह है जिंदगी मेरी जिस में बस तेरी कमी हमेशा खलेगी
इतने छोटे से किस्से में मेरी जिंदगी सिमटी सी रहेगी ।।

-हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है। 

आपकी रचनात्मकता को अमर उजाला काव्य देगा नया मुक़ाम, रचना भेजने के लिए यहां क्लिक करें

©Rita rajpreet
  #happypromiseday zindagi ke kisse 🤏🤏🤏🤏🤏♥️

#happypromiseday zindagi ke kisse 🤏🤏🤏🤏🤏♥️ #ज़िन्दगी

108 Views