( कुछ बातें ) चलो कुछ बातें इस समाज की करते हैं, हम सभी के आज की करते हैं,, प्यार,दोस्ती,रिश्ते,फरेब सब वही खेल पुराने हैं, बस इन्हे खेलने के नये-नये अंदाज की करते हैं,, जरूरत के समय ही याद किया जाता अपनों को, और जरूरत पङने पर ही अपने हमें नजर अंदाज करते हैं ,, इन्सानियत खत्म होती जा रही है दिन पर दिन दिलों से, शियासती नीति बनी जो बिमारी ला-इलाज की करते है,, #कुछबातें