न मंदिर के न मस्जिद के गरुद्वारे पेट भरे हैं भूखे के, आज भी जूझ रहा जब विश्व-देश हमारा, पिटारे खुले हैं गरुद्वारे के। ✍️SantoshBabu पेटी खुला गरुद्वारा के