अभी भी वक़्त है, जागो इंसान भूखे, प्यासे, लाचारो पर न चलाओ, राजनीति के बाण अभी भी वक़्त है, जागो इंसान पिघल चुका, अब पत्थर दिल भी देखकर उन पैरों की छाल बच्चों को ले चलीं जो मीलो वो मां की ममता, मां का प्यार अभी भी वक़्त है, जागो इंसान उनका बस इतना अपराध कोरोना से हैं, वो परेशान इधर - उधर वो, बिखर पड़े हैं ग़रीबी से बचाने, खुद की जान अभी भी वक़्त है, जागो इंसान ना तुम पंजा, ना तुम कमल ना ही बनो अभी तुम आप मानवता की जान बचाओ बस इतना तुम, कर दो एहसान अभी भी वक़्त है, जागो इंसान। नीरज की कलम से... #Corona Vijay Prajapati