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सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं सो उस के शहर म

सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं

सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं

सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं कवि देवीलाल पंवार Inayat lee chan sharma neeraj 'rahi' online shopping Arif kha. DLN
सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं

सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं

सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से
सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं कवि देवीलाल पंवार Inayat lee chan sharma neeraj 'rahi' online shopping Arif kha. DLN
moasiph1804

Mo. Asiph

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सुना है लोग उसे आंख भर के देखते हैं सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से सो अपने आप को बरबाद कर के देखते हैं कवि देवीलाल पंवार @Inayat lee chan sharma neeraj 'rahi' online shopping @Arif kha. DLN #Quote