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उद्भव ------- चाहे हो महाकाय - साम्राज्य तिमिर क

उद्भव
-------

चाहे हो महाकाय 
- साम्राज्य तिमिर का,
पुंज दीप का -
टक्कर देता अस्तित्व भर,
पर्याप्त है आगाज हेतु -
नक्कारे पर  गिलहरी की चोट ,
औचक परिवर्तन आकार लेते
- जैसे जीवन का उद्भव -
अपने मूल निराकार महादेव से l

गुंजन अग्रवाल 

दीपोत्सव पर्व की आप सभी मित्रों को अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं💐💥💐💥💐

©Gunjan Agarwal
  #Diwali #दीपावली #Deep