#मनन..... कुछ शब्द कहने से अधिक समझने के हुए। . . जैसे प्रेम की और आँखों से आँखों की भाषा कभी लिपिबद्ध न की जा सकी . . जैसे हृदय से हृदय का मार्ग कभी किसी मानचित्र पर चित्रित न किया जा सका . . जैसे समय की गति कभी भी नियंत्रित न की जा सकी . . जैसे समुद्र का क्षार जल से कभी अलग ही न किया जा सका। . . ऐसे ही कठोर पर्वत भी शिराओं में बहते जल से द्रवित हो उठे। . . ऐसे ही अंततः लंबी-सी-लंबी राह ने भी मंज़िल को पा ही लिया। . . प्रिय! प्रेम की नौका प्रतिकूलताओं के विरुद्ध भी पा ही लेती है, किनारे। . . अकारण नहीं डूबती नाव! . मनन..!! --सुनीता डी प्रसाद💐💐 #मनन..... कुछ शब्द कहने से अधिक समझने के हुए। . . जैसे