Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक भाषा मे 'अ' लिखना चाहता हूँ,'अ' से अनार 'अ'से अ

एक भाषा मे 'अ' लिखना चाहता हूँ,'अ' से अनार 'अ'से अमरुद लेकिन लिखने लगता हूं 'अ' से अत्याचार 'अ' से अनर्थ।कोशिश करता हूं कि 'क' से कलम या करुणा लिखू, लेकिन मैं लिखने लगता हूं, 'क' से क्रूरता 'क' से कूटिलता। अभी तक 'ख' से खरगोश लिखते आया हूं लेकिन 'ख' से अब किसी खतरे कि आहट आने लगी है। मै 'फ' से फूल लिखना चाहता हूं मगर कोई मेरा हाथ जकड़ता है और कहता है 'फ' से लिखो फरेब , और 'भ' से लिखो भय जो अब हर जगह मौजूद है। 'द' दमन का और 'प' पतन का संकेत है।
आततायी छीन लेते है हमारी पूरी वर्णमाला वे भाषा कि हिंसा को बना देते है समाज कि हिंसा 'ह' को हत्या के लिऐ सुरक्षित कर दिया गया है,हम कितना ही हल और हिरण लिखते रहे वे 'ह' से हत्या लिखते रहते है हर समय।। #आज कि वर्णमाला
एक भाषा मे 'अ' लिखना चाहता हूँ,'अ' से अनार 'अ'से अमरुद लेकिन लिखने लगता हूं 'अ' से अत्याचार 'अ' से अनर्थ।कोशिश करता हूं कि 'क' से कलम या करुणा लिखू, लेकिन मैं लिखने लगता हूं, 'क' से क्रूरता 'क' से कूटिलता। अभी तक 'ख' से खरगोश लिखते आया हूं लेकिन 'ख' से अब किसी खतरे कि आहट आने लगी है। मै 'फ' से फूल लिखना चाहता हूं मगर कोई मेरा हाथ जकड़ता है और कहता है 'फ' से लिखो फरेब , और 'भ' से लिखो भय जो अब हर जगह मौजूद है। 'द' दमन का और 'प' पतन का संकेत है।
आततायी छीन लेते है हमारी पूरी वर्णमाला वे भाषा कि हिंसा को बना देते है समाज कि हिंसा 'ह' को हत्या के लिऐ सुरक्षित कर दिया गया है,हम कितना ही हल और हिरण लिखते रहे वे 'ह' से हत्या लिखते रहते है हर समय।। #आज कि वर्णमाला