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कहा है कि.. जिसने समझा था टुकड़ा मुझको अपना, मैं

कहा है कि.. 
जिसने समझा था टुकड़ा मुझको अपना, 
मैं उस चांद से मुख मोड़ आया हूँ|
और अपने सपनों का घर बनाने के लिए, 
 घर अपनों का  छोड़ आया हूँ||
               @चंचल चमन

©CHNCHAL CHAMAN jisne samjha tha tukda mujhe..
कहा है कि.. 
जिसने समझा था टुकड़ा मुझको अपना, 
मैं उस चांद से मुख मोड़ आया हूँ|
और अपने सपनों का घर बनाने के लिए, 
 घर अपनों का  छोड़ आया हूँ||
               @चंचल चमन

©CHNCHAL CHAMAN jisne samjha tha tukda mujhe..