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मेरी आँखे भी बंद थी और मैज पर रखे गुलदान मे रख

मेरी  आँखे  भी बंद थी
और  मैज पर रखे गुलदान मे  रखे उस
सूरजमुखी फूल क़ी आँखे भी बंद थी
और हम दोनों ने तय कर लिया था कि
ज़ब तक सुबह क़ी  पहली किरआकर  हमारी  आँखों को चोधिया नहीं देती
हम  तब तक आँखे अपनी बंद  हीं  रखेंगे

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  बंद आखे
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Arora PR

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बंद आखे #कविता

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