हाँ गिला तो है! कि मुझे मेरी सच्ची मोहब्बत नसीब नहीं हुई, मैं बहती गयी ग़म के सैलाब में, लेकिन तेरी ख़ामोशी दूर नहीं हुई। तुझ जैसे बेगैरत की ख़ामोशी से मेरी ज़िन्दगी मौत से बदतर हो गयी, पर तस्कीन है, कि अब तेरी वो मौज़ूदगी मेरी ज़िंदगी से कोसों दूर हो गयी। 😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔😔 Challenge- 2 Day- 1 Topic- Emotion Theme- Anger Rhyming scheme- AABB तस्कीन - तसल्ली, संतोष