एक बार फिर मुलाक़ात और कितना नजरअंदाज करोगे मुझे मुझ पर नज़र रखने के बाद देखते भी ही मेरी तरफ और फिर नज़रें भी चुरा लेते हो ये बताओ शख्शियत से मेरी क्यों इतना परेशान हो जाते हो मैं वही हूं जो कल थी बस! बदल गया है थोड़ा चेहरा पिघल गया है थोड़ा दिल लेकिन ! सुनो मुझे पहचानना इतना भी नहीं है मुश्किल हां! मैं वही हूं जो कल थी जब भी आओ मेरे सामने मुझ पर नज़र मत रखना मेरा दिल रखना और नज़रों से नज़र मिलाकर बात करना हां ! मुझे अच्छा लगेगा एक बार फिर पहले की तरह तुमसे मुलाक़ात करना। - @शिखा शर्मा ©Shikkha Sharrma #Visitation #Alfaz #Feelings #Emotions #Kalam #Life #LifesDiary #Poetry #UnspokenThoughts #ShikkhaSharrma