फ़ौजी और ख़त एक फ़ौजी जब ख़त लिखता है,कागज़ पे वो दिल रख देता है,खुद की तक़लीफ़ नही कहता, बस घर की सलामती पूछता है। ले लेता है सबका हाल और अपना सब ठीक कह देता है। दर्द में भी जब होता है कुछ खास नही कह देता है जल्दी आऊंगा घर कहकर फिर लम्बी साँस लेता है। #wod#fauji#ख़त Sambhav jain(महफूज़_जनाब)