ये कैसे खौफ के सायें में ज़ी रहे हैँ हम ये कैसे मज़हब की आग में जल रहे हैँ हम यूँ तो कहने को, दहशत में रह रहे हैँ हम फिर भी क़त्ल -ए -आम कर रहे हैँ हम #wordsbynikhil #delhiriots