ये दुनिया झूठ की झिलमिलाहट सी लगती है, सच को अंधेरे में रखकर ख़ुद को रोशनाई करती है,बड़ा कमाल का है लगता ये रिवाज़ दुनिया का,बनावटीपन की इंसानियत को आगे तो सच्चाई की इंसानियत को पीछे रखकर रिश्ते नाते प्रेम भाव को दाँव पर लगाकर जीती है, जब इंसान अपनी कमियों से हारकर बैठ जाता है,तब उस परिस्थिति में झूठ की दुनिया में कैद करके ख़ुद को उसी के अनुसार ढ़ाल लेता है, निकल नहीं पाता उस रोशनाई से सच की रोशनाई से डरा-डरा सा सहमा-सहमा सा रहता है, ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1094 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।