आके गुलिस्तां में मेरे, गुलाब खिला दिए तुमने.. न जाने कितने झूठे ख़्वाब दिखा दिए तुमने... होना नहीं था कुछ भी इस पत्थर-ए-दिल में.. मुस्कुराकर यूहीं लाखों सैलाब उठा दिए तुमने..... ©mangla shiv adhoori_si_kahani #mangla_shiva #mangla_shiv #findsomeone