महफ़िल में तन्हा होता हूँ तन्हाई में उसके संग ये इश्क़ बहुत अनूठा है और अद्भुत इसके रंग इश्क़ में गहरे राज़ छिपे है व राज़ों में हैं इश्क़ जो अनभिज्ञ रहे इश्क़ से जीवन उसका बेरंग इश्क़ नहीं है बस में मन के इश्क़ तो रहे स्वतंत्र ये मनमर्जियां इश्क़ की जो दिल में भरे उमंग गर इश्क़ मित्र है खुशियों का तो दूर रहे हर गम जो सखा हुआ गम का तो ये दुनिया लागे बेढंग इश्क़ जलाए ज्योत कभी तो कभी जलादे आग ज्योत जले तो फैले रोशनी आग मचाए हड़कंप #चौबेजी इश्क़ #चौबेजी #love #ishq #mohabbat #pyar #nojoto #nojotohindi #poem #प्रेम #प्यार #इश्क #मोहब्बत