प्रकृति, माॅं है, भावना है, विश्वास है। शक्ति है, आराधना है, श्वास है।। प्रकृति, युग - परिवर्तन का आभास है। सुंदर है, रंगीन है, जीने की आस है।। प्रकृति, पुष्प है, पर्वत है, सृजन है। वत्सल है, पोषण है, जीवन है।। प्रकृति, शुद्ध है, शांत है, चिंतन है। घर है, बसेरा है, भवन है।। प्रकृति, उम्मीद की भोर है। कलरव का शोर है।। प्रकृति, वर्षा है, नृत्य है, चितचोर है। मोहक है, पवित्र है, घनघोर है।। प्रकृति, जीवन पथ का सुनहरा मोड़ है। सब ऋतुओं का निचोड़ है।। प्रकृति, उत्कृष्टता की होड़ है। परमात्मा से जोड़ है।। प्रकृति, अजर है, अमर है। सब जीवों का घर है।। प्रकृति, गीत है, संगीत है, स्वर है। ईश्वर का दिया अनमोल वर है।। ©गनेश यादव 'गौरव' प्रकृति-प्रेमी गनेश यादव 'गौरव' की कलम से ... ✍️ #प्रकृति #माँ #भावना #एहसास #विश्वास #आदि #अनंत #साहित्य #लेखन #हिंदी