यह महान दृश्य है चल रहा मनुष्य है.. अश्रु स्वेद रक्त से लतपथ एक पत्र छाह कि मांग पर पंथी चलते चलते थककर एक अनजान राहों पर चलकर बैठ किसी पथ के पत्थर पर यही सोच रहा है पल भर पथिक मैं, चलू किस ओर किस ओर है मेरी ठौर.. सुप्रभात। पथिक मैं लेकिन चलूँ किस ओर कहाँ मेरी ठौर। #पथिक #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #suchitapandey #सुचिता पथिक मैं.. लेकिन चलू किस ओर