ज़माने भर से मिलते हैं आशिक कई; मगर वतन से खुबसूरत कोई सनम नहीं होता; नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे है शासक कई; मगर तिरंगे से खुबसूरत कोई कफ़न नहीं होता..!! वंदेमातरम् ©raj #independence day #republic day #vandenatram