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ram lalla रामायण अति पावन है जो नर नित इसका पाठ कर

ram lalla रामायण अति पावन है जो नर नित इसका पाठ करे।
रामचंद्र जी खुद आकर के उसके दुःख संताप हरें ॥ 
रामचंद्र जी खुद......

राम की महिमा त्यागी नर ने दुनियादारी अपनायी। 
जैसे छोड़ के सारे नजारे शमा पतिंगे को भायी। 
उछला जला मनचला काम अपना तमाम वो आप करे ॥ 
रामचंद्र जी खुद......

कुलि की गति में सुगति सरल श्रीराम नाम है यश सोई। 
जिसमें दे आ आहूति तर गये अश विश अल्पश कई ।
राम नाम मनभावन है जो नर नित इसका जाप करे ॥ 
रामचंद्र जी खुद

राम दया सागर है रामचरितमानस अमृत बानी। 
मानस का मधुरस पी सरस हुए कितने नीरस प्राणी। 
शरण राम की आकर गर पापी भी पश्चाताप करे ।। 
रामचंद्र जी खुद.....
-विजयशुक्ल बादल दादा

©SADHNA RASTOGI
  #ramlallabhajan