अंधेरा चारों तरफ साए साए करने लगे चिराग हाथ उठाकर दुआएं करने लगे जिनको हमने सिखाया था सलीका चलने का वह लोग आज हमें दाएं बाएं करने लगे राहत इंदौरी#