प्रकृति की गोद में मैं सब कुछ सहता हूँ खुद से ये कहता हूँ कहाँ चली गयी हो तुम सदा तुम्हारी आने के आस में रहता हूँ ©Bhupendra Rawat मैं सब कुछ सहता हूँ खुद से ये कहता हूँ कहाँ चली गयी हो तुम सदा तुम्हारी आने के आस में रहता हूँ #AdhureVakya