जिंदगी जाने कब ले करवट, कब ले जाने ये मुंह फेर।। तुम सबसे यारी रखो मित्रों, ना रखना तुम किसी से भी बैर।। छोटा सा तो हैं जीवन अपना, फिर कैसा शिकवा कैसी रंजिश। जीना खुलकर......तो पंख खोल, और कर ले जाकर..... खुले आसमान की सैर।। ©Rimpi chaube #खुले_आसमान_की_सैर ☁️🪂 जिंदगी जाने कब ले करवट, कब ले जाने ये मुंह फेर।। तुम सबसे यारी रखो मित्रों, ना रखना तुम किसी से भी बैर।। छोटा सा तो हैं जीवन अपना, फिर कैसा शिकवा कैसी रंजिश। जीना खुलकर......तो पंख खोल,