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कहाँ लिखूँ मैं काग़ज़ को दर्द से मरोड़ खाता पाती

 
कहाँ लिखूँ मैं 
काग़ज़ को दर्द से मरोड़ खाता पाती हूँ
सब जगह फैली उस पर अटपटी सलवटें हैं 

कहाँ चलाऊँ पेंट-ब्रुश अपना
कैनवास को आह भरता, बुदबुदाता पाती हूँ
सब जगह बिखरे उस पर उदासी के छींटे हैं

©HintsOfHeart
  #Splashes_of_Sadness