चाँद देखने वालों पर एक बार फिर अत्याचार हो गया तुमने नक़ाब नहीं हटाया और एक दिन विलंबित ईद का त्यौहार हो गया ©सोहैल मसरूफ़ चाँद देखने वालों पर एक बार फिर अत्याचार हो गया तुमने नक़ाब नहीं हटाया और एक दिन विलंबित ईद का त्यौहार हो गया ©सोहैल मसरूफ़