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वो क़यामत का हल पल कैसे गुज़रा, एक ख्याल सा आ रहा  ब

वो क़यामत का हल पल कैसे गुज़रा, एक ख्याल सा आ रहा 
बेचैन था दिल , बेसूद था दिमाग , दोज़ख के चौखट पे मेरे कदमो के निशान !
हीना सिंह वो क़यामत का हल पल कैसे गुज़रा, एक ख्याल सा आ रहा 
बेचैन था दिल , बेसूद था दिमाग , दोज़ख के चौखट पे मेरे कदमो के निशान !
हीना सिंह
वो क़यामत का हल पल कैसे गुज़रा, एक ख्याल सा आ रहा 
बेचैन था दिल , बेसूद था दिमाग , दोज़ख के चौखट पे मेरे कदमो के निशान !
हीना सिंह वो क़यामत का हल पल कैसे गुज़रा, एक ख्याल सा आ रहा 
बेचैन था दिल , बेसूद था दिमाग , दोज़ख के चौखट पे मेरे कदमो के निशान !
हीना सिंह
heenasingh5375

Heena Singh

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