हर साँस शिकायत करती है "बेवज़ह क्यूँ थकाते हो मुझको" कहकर... अक्सर ताने देती है...! "उकता रहे हो ख़ुद ही ज़िंदगी से तुम मुझसे सरलता की उम्मीद करते हो" कहकर... ग़लती मेरी बताती है...! "बागडोर मेरी दे औरों के हाथों में दीवाना बन घुटते रहते हो" कहकर... तमाचा ज़ोरदार लगाती है...! हर साँस शिकायत करती है "ग़ैरों सा मिलते हो मुझसे मैं ग़ैर बनूँ दम तोड़ते हो" कहकर... अहमियत अपनी बताती है...! Muनेश...Meरी✍️🌿 #हरसाँस #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi