चूल्हे की आग ने जला कर मेरा झोंपड़ा कर दिया राख न घर की न पेट की ही बुझने पाई आग। हाय मेरी कमनसीबी लोगों के आतिश से रौशन होते मेरा तो इसने बुझा दिया घर का इकलौता चिराग। रात थी सर्द आये थे कुछ हमदर्द बटाने दर्द तस्वीरें खींची तहरीरें लिखी और चल दिए सेक के आग। चूल्हे की आग ने जला कर मेरा झोंपड़ा कर दिया राख न घर की न पेट की ही बुझने पाई आग। बी डी शर्मा चण्डीगढ़ चूल्हे की आग 🔥