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"चाँद का फूल" हर रोज़ छत से निहारता आसमानों में उस

"चाँद का फूल"

हर रोज़
छत से निहारता
आसमानों में
उस फूल की ओर
जिसकी टहनियां
कहीं नहीं
जो सहर तलक
मुरझा जाए और
शाम को वापस आ जाये
उसी तरह
जैसा कल था
कल जैसा लगा
वैसा पल था।
मैं निहारता रहा
चाँद का फूल
जो अंधेरों में भी 
जगमग-जगमग
रौशनी देता रहा,
जो घने-अंधेरे बादलों को
चिर के बहता रहा
क़तरा-क़तरा बांट उजाला
ख़ुद अंधेरों में लिपटा
लाखों कलियां साथ लिए
तनिक उजालों में सिमटा।
रोज़ देखता
होता मशगूल
ऐसा है ये
"चाँद का फूल" #nojotohindi #nojotopoem #chand #tanha #feelings #mypoem
"चाँद का फूल"

हर रोज़
छत से निहारता
आसमानों में
उस फूल की ओर
जिसकी टहनियां
कहीं नहीं
जो सहर तलक
मुरझा जाए और
शाम को वापस आ जाये
उसी तरह
जैसा कल था
कल जैसा लगा
वैसा पल था।
मैं निहारता रहा
चाँद का फूल
जो अंधेरों में भी 
जगमग-जगमग
रौशनी देता रहा,
जो घने-अंधेरे बादलों को
चिर के बहता रहा
क़तरा-क़तरा बांट उजाला
ख़ुद अंधेरों में लिपटा
लाखों कलियां साथ लिए
तनिक उजालों में सिमटा।
रोज़ देखता
होता मशगूल
ऐसा है ये
"चाँद का फूल" #nojotohindi #nojotopoem #chand #tanha #feelings #mypoem