फिर भी न जाने क्यों, उदास रहने को जी चाहता है। बाज़ार सजा है ख़ुशियों का, अंबार लगा है ख़ुशियों का... #अंबार #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #discovernewwriters