कहानी मुख्तसर थी कहानी मुख्तसर थी, किरदार सबके छोटे रह गए, गैरों से शिकायत क्या, मेरे अपने सिक्के खोटे रह गए, उम्मीद हर किसी से रखने का फैसला गलत था शायद, ख्वाब लूटा सबने मेरा और हम भरोसे की नींद सोते रह गए...! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla कहानी मुख़्तसर थी, पर दुनिया बेख़बर थी। *मुख़्तसर - संक्षिप्त, छोटा #कहानी #brokentrust #Trust #Hindi #shayri #hindiwriters #hindishayari #Reality #leftalone