हर जगह बाजार लगा है ,हरेक गली भरा व्यापार से करके बनावटी शृंगार बिलकुल हैं तैयार लोग खरीदने निकल पड़े हैं रिश्ते, वो जो कहलाते हैं इज़्ज़तदार लोग खरीद लिये रिश्ते भी, खरीद न पाये ज़ज्बात लोग । (#सन्दर्भ- दहेज़ प्रथा) ©gudiya हर जगह बाजार लगा है ,हरेक गली भरा व्यापार से करके बनावटी शृंगार बिलकुल हैं तैयार लोग खरीदने निकल पड़े हैं रिश्ते, वो जो कहलाते हैं इज़्ज़तदार लोग खरीद लिये रिश्ते भी, खरीद न पाये ज़ज्बात लोग । (#सन्दर्भ- दहेज़ प्रथा)