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रिश्ते होते हैं नाज़ुक बड़े, फूलों की तरह। कुछ होत

रिश्ते होते हैं नाज़ुक बड़े,
फूलों की तरह।
कुछ होते हैं चुभते से,
कांटों की तरह।
निभाने हैं सब ही,
इनमें कोई दो राय नहीं।
तभी जीवन मौज बनेगा,
झूलों की तरह।

©Reema K Arora #life #logic
रिश्ते होते हैं नाज़ुक बड़े,
फूलों की तरह।
कुछ होते हैं चुभते से,
कांटों की तरह।
निभाने हैं सब ही,
इनमें कोई दो राय नहीं।
तभी जीवन मौज बनेगा,
झूलों की तरह।

©Reema K Arora #life #logic