वक्त कुछ और है पर वक्त बदले करते है साधे लक्ष्य हो अगर तो बाण उठाने पड़ते है काटे जख्म आदि यह तो सूक्ष्म मात्र होते है वीर की श्रृंगार इन्ही से तो होते है वक्त कुछ और है पर वक्त बदले करते है साधे लक्ष्य हो अगर तो बाण उठाने पड़ते है .....adhuri kavita.... @gumnaa.m वक्त कुछ और है ...... . . . . . .