चलो कुछ वक़्त निकाला जाये कुछ देर माँ के पास बैठा जाये, जरा कुछ देर पाँव तो दवा दूँ, तू लेट माँ तेरा सर सहला दूँ, बहुत सोया हूँ बचपन से तेरी गोद में, मेरी गोद में सर रख आज तुझे सुला दूँ, सदा कहानियाँ सुनी तुझसे मेंने, आज सोचता हुँ कोई किस्सा सुना दूँ, हमेशा खाना खाया तेरी हाथ से, आ बैठ आज तुझे दो टूक खिला दूँ, जितना प्यार पाया तुझसे, सोचता हूँ आज थोड़ा और पालूँ।। #अंकित सारस्वत# #चलो कुछ वक्त निकाला जाये