पल्लव की डायरी हथियार की तरह मानवता पर,हो रही कूरता हावी है स्वांग रचकर, फैला रही लाचारी है गरीबी कुपोषण के नाम पर,व्यापार जारी है समेट कर दौलत दवा और दान के नाम पर वायरस से दुनियाँ लूटने की तैयारी है स्वार्थो के नाम पर,पेटेंट दवा का कानून फिर भी मानव सेवा की दुहाई जारी है सेवा के नाम पर,ये कैसी कलंकित व्यवस्था हावी है लूट गये मर गये, कोरोना वायरस की आड़ में वेक्सीन से हो गये कितने कम्पनियों के बारे न्यारे है नाटकीय अंदाज के,भरोसे मानवता के तोड़ दिये अधिकार और राइट्स सारे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #humanrights स्वार्थो के नाम पर पेटेंट दवा का कानून है