अच्छा खासा वक़्त था मेरा उ नजर से बीत गया बुरे वक्त में तो मानो जैसे वक़्त ही ठहर गया जी रहे थे रहिशो कि ज़िन्दगी दुनिया के नजर में गढ़ गया अरे कभी तो पूछा होता सुशांत तू क्यों बदल गया हा थी मेरी मजबूरियां थी मेरी परेशानिया सबने तो बस टीवी पर देखा दिल के अंदर देखा नही बारूद भरा था अंदर मेरे वक़्त ने ऐसा कमजोर किया थी मेरी भी मजबूरियां जो में फांसी पर चाहड़ गया सुशांत सर आई मिस यु रितेश श्रीवास्तव #depression दिल टूट गया