कितना कुछ है खो दिया हां दौड़ का ही जुनून है हर तरफ, कि मुठ्ठी भर रेत के लिए हमने सारा आसमां खो दिया । कुछ तो है इस आधुनिकता की होड़ में, कि लिवास तो होते रहे साफ दिलों की सादगी को खो दिया। कितना कुछ है खो दिया हां दौड़ का ही जुनून है हर तरफ, कि मुठ्ठी भर रेत के लिए हमने सारा आसमां खो दिया । कुछ तो है इस