#OpenPoetry || शिव मेरे बाबा || क्या बखान करू मे बाबा का वो तो है कालो के काल| अद्धभुत रूप अखंड है ज्वाला तीसरी आँख मे बसें महाकाल || उज्जैन मे स्थित है जो ज्योतिर्लिंग वो है साक्षात् महाकाल | रूप सुहाना लगता है उनका, सच्चे प्यार का वो अम्बार | डूब के देखो भक्ति मे उनकी हो जाओगे भवसागर से पार || काल भी उसका क्या करें जिसकी रक्षा करें स्वयं महाकाल | मैंने उनको देखा है मैंने उनको जाना है क्या बताऊ बारे मे उनके | वो है सर्वव्यापी सरकार, सच्चे ह्रदय से याद करो बस || बन जाये सब बिगड़े काम, क्या बखान करू मे बाबा का वो तो है कालो के काल || #OpenPoetry