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कुछ खाब अक्सर टूट ही जाता है, जिसे हम अपना बना नही

कुछ खाब अक्सर टूट ही जाता है,
जिसे हम अपना बना नहीं सकते, 
उसे हम अपना नसीब समझ बैठते हैं,, अंसारी,, खाब टूटा तो क्या हुआ,,
कुछ खाब अक्सर टूट ही जाता है,
जिसे हम अपना बना नहीं सकते, 
उसे हम अपना नसीब समझ बैठते हैं,, अंसारी,, खाब टूटा तो क्या हुआ,,

खाब टूटा तो क्या हुआ,, #Shayari