सत्य के सफ़र से....... 😊💐#good evening🌻🌺🌼☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕☕ लगातार दस साल तक रहने पर यहाँ कोई दुकान मकान खाली नहीं करता, ये लोग इनसे देश छोडने को बोल रहे हैं। 95 प्रतिशत लोग बाहरी हैं तो अकेले ब्राह्मण ही क्यूँ जाये? आज भी जाटों गुर्जरों में हूंन और कसान गोत्र मौजूद है जो कि इनकी उत्पत्ति कुषाणों और हूणों से साबित करते हैं। मेवाड के मौर्यों की जगह सिसोदिया, आमेर के मीणाओं की जगह राजावत कछवाहे और जालौर के प्रतिहारों की जगह राठौड आये हैं। और फिर धार्मिक विद्वान, विदूषक, पुरोहित और व्यापारी अकेले नहीं आते कभी, राजा के साथ ही आते हैं। राजा बिना सैनिकों, सेवकों, दासों और गुलामों के नहीं चलता कभी। यदि देश छोडने की बारी आयी तो पूरे देश में सिर्फ जंगली जानवर और आदिवासी जनजाति समाज ही बचेगा, बाकी सभी को यह देश छोडना पडेगा।